Saturday, December 24, 2022

आर्टेमिस मून मिशन क्या है

'नासा ' के आर्टेमिस मून मिशन के पहले चरण का सफल प्रक्षेपण 

                                      आर्टेमिस 1 की उड़ान तैयार                    

 आर्टेमिस  मून मिशन (Artemis Moon Mission) पांच दशकों के पश्चात चन्द्रमा पर मनुष्य को भेजने के लिए नासा की महत्वकांक्षी परियोजना है, जिस के तीसरे चरण में मनुष्य को चंद्रमा पर लंबे समय तक ठहराया जाएगा. लोअर ऑर्बिट के बाद मनुष्य को भेजा जाएगा. इस मिशन के पहले चरण में 'नासा' (NASA -अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी) के नए विकसित अतिशक्तिशाली स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS)  रॉकेट के जरिए  'ओरियन' स्पेसशिप को चंद्रमा की कक्षा के लिए 16 नवंबर, 2022 को फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित किया गया है. इसका यह बहु प्रतिक्षित  प्रक्षेपण इससे पूर्व खराब मौसम व तकनीकी कारणों से दो बार टल चुका था. नासा के इस अब तक के सबसे शक्तिशाली रॉकेट स्पेस लॉन्च सिस्टम की यह पहली ही परीक्षण उड़ान है  इसके तीसरे चरण में अंतरिक्ष यात्रियों के एक दल को,जिसमें एक महिला भी होगी, चंद्रमा पर प्रवास के लिए 2024 में भेजा जाएगा.

        आर्टिमिस मून मिशन के पहले चरण में कैनेडी स्पेस सेंटर से 16 नवंबर को प्रक्षेपित एस एल एस पृथ्वी का चक्कर लगाने के पश्चात चंद्रमा की कक्षा के लिए रवाना होगा तथा 6 दिन तक उसकी कक्षा में चक्कर लगाते हुए विभिन्न परीक्षणों के पश्चात इसकी वापसी 25 दिन में होंगी.


चंद्रमा पर जाने के लिए तैयार आर्टेमिस 1 स्पेसक्राफ्ट, कामयाब हुआ तो 50 साल बाद चांद पर कदम रखेंगे इंसान,


Monday, October 10, 2022

मुलायम सिंह यादव जी का निधन

                मुलायम सिंह यादव जी का परिचय 

मुलायम सिंह यादव (22 नवंबर 1939 - 10 अक्टूबर 2022) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और समाजवादी पार्टी के संस्थापक-संरक्षक थे । उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार तीन कार्यकालों तक सेवा की , और भारत सरकार के रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया । लंबे समय तक सांसद रहे, वह लोकसभा में मैनपुरी के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य थे , और पहले भी आजमगढ़ और संभल निर्वाचन क्षेत्रों से संसद सदस्य के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्हें अक्सर नेताजी (अर्थ) के रूप में जाना जाता थासम्मानित नेता हिंदी में ) पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा।

 

 प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में मूर्ति देवी और सुघर सिंह यादव के घर हुआ था। 

यादव के पास राजनीति विज्ञान में तीन डिग्री थी - इटावा के कर्मक्षेत्र पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से बीए, शिकोहाबाद के एके कॉलेज से बीटी और आगरा विश्वविद्यालय के बीआर कॉलेज से एमए 

   

   व्यक्तिगत जीवन

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गाँव में मूर्ति देवी व सुघर सिंह यादव के किसान परिवार में हुआ। मुलायम सिंह यादव अपने पाँच भाई-बहनों में रतनसिंह यादव से छोटे व अभयराम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, राजपाल सिंह और कमला देवी से बड़े हैं। प्रोफेसर रामगोपाल यादव इनके चचेरे भाई हैं।पिता सुघर सिंह उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे किन्तु पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु चौधरी नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात उन्होंने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।[

राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम०ए०) और बी० टी० करने के उपरान्त इन्टर कालेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए और सक्रिय राजनीति में रहते हुए नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। मुलायम सिंह जी का काफ़ी लंबी बीमारी के कारण 10 अक्टूबर 2022 को निधन हो गया।

  

     राजनीतिक परिचय

मुलायम सिंह उत्तर भारत के बड़े समाजवादी और किसान नेता हैं। एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेने वाले मुलायम सिंह ने अपना राजनीतिक जीवन उत्तर प्रदेश में विधायक के रूप में शुरू किया। बहुत कम समय में ही मुलायम सिंह का प्रभाव पूरे उत्तर प्रदेश में नज़र आने लगा। मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग समाज का सामाजिक स्तर को ऊपर करने में महत्वपूर्ण कार्य किया। सामाजिक चेतना के कारण उत्तर प्रदेश की राजनीति में अन्य पिछड़ा वर्ग का महत्वपूर्ण स्थान हैं। समाजवादी नेता रामसेवक यादव के प्रमुख अनुयायी (शिष्य) थे तथा इन्हीं के आशीर्वाद से मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गये और मन्त्री बने। 1992में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। वे तीन बार क्रमशः 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री रहे। इसके अतिरिक्त वे केन्द्र सरकार में रक्षा मन्त्री भी रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश में यादव समाज के सबसे बड़े नेता के रूप में मुलायम सिंह की पहचान है। उत्तर प्रदेश में सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने में मुलायम सिंह ने साहसिक योगदान किया। मुलायम सिंह की पहचान एक धर्मनिरपेक्ष नेता की है। उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी माना जाता है। उत्तर प्रदेश की सियासी दुनिया में मुलायम सिंह यादव को प्यार से नेता जी कहा जाता है।

2012 में समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला। यह पहली बार हुआ था कि उत्तर प्रदेश में सपा अपने बूते सरकार बनाने की स्थिति में थी। नेता जी के पुत्र और सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा जोर शोर से उठाया और प्रदेश के सामने विकास का एजेंडा रखा। अखिलेश यादव के विकास के वादों से प्रभावित होकर पूरे प्रदेश में उनको व्यापक जनसमर्थन मिला। चुनाव के बाद नेतृत्व का सवाल उठा तो नेताजी ने वरिष्ठ साथियों के विमर्श के बाद अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। अखिलेश यादव मुलायम सिंह के पुत्र है। अखिलेश यादव ने नेता जी के बताए गये रास्ते पर चलते हुए उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया.

'समाजवादी पार्टी' के नेता मुलायम सिंह यादव पिछले तीन दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। अपने राजनीतिक गुरु नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात मुलायम सिंह ने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से ही अपना राजनीतिक सफर आरम्भ किया था। मुलायम सिंह यादव जसवंत नगर और फिर इटावा की सहकारी बैंक के निदेशक चुने गए थे। विधायक का चुनाव भी 'सोशलिस्ट पार्टी' और फिर 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' से लड़ा था। इसमें उन्होंने विजय भी प्राप्त की। उन्होंने स्कूल के अध्यापन कार्य से इस्तीफा दे दिया था। पहली बार मंत्री बनने के लिए मुलायम सिंह यादव को 1977 तक इंतज़ार करना पड़ा, जब कांग्रेस विरोधी लहर में उत्तर प्रदेश में भी जनता सरकार बनी थी। 1980 में भी कांग्रेस की सरकार में वे राज्य मंत्री रहे और फिर चौधरी चरण सिंह के लोकदल के अध्यक्ष बने और विधान सभा चुनाव हार गए। चौधरी साहब ने विधान परिषद में मनोनीत करवाया, जहाँ वे प्रतिपक्ष के नेता भी रहे।

1996 में मुलायम सिंह यादव ग्यारहवीं लोकसभा के लिए मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से चुने गए थे और उस समय जो संयुक्त मोर्चा सरकार बनी थी, उसमें मुलायम सिंह भी शामिल थे और देश के रक्षामंत्री बने थे। यह सरकार बहुत लंबे समय तक चली नहीं। मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने की भी बात चली थी। प्रधानमंत्री पद की दौड़ में वे सबसे आगे खड़े थे, किंतु उनके सजातियों ने उनका साथ नहीं दिया। लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने उनके इस इरादे पर पानी फेर दिया। इसके बाद चुनाव हुए तो मुलायम सिंह संभल से लोकसभा में वापस लौटे। असल में वे कन्नौज भी जीते थे, किंतु वहाँ से उन्होंने अपने बेटे अखिलेश यादव को सांसद बनाया।


     सदस्यता

विधान सभा 1967, 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 (आठ बार)

विपक्ष के नेता, उत्तर प्रदेश विधान परिषद 1982-1985

विपक्ष के नेता, उत्तर प्रदेश विधान सभा 1985-1987

केंद्रीय कैबिनेट मंत्री

सहकारिता और पशुपालन मंत्री 1977

रक्षा मंत्री 1996-1998



Saturday, October 8, 2022

Digi Sakhasm Yojana : डिजी सक्षम योजना

इस पहल के माध्यम से राष्ट्रीय कैरियर सेवा पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले लगभग 1 करोड़ से अधिक नौकरी चाहने वाले युवा जवा स्क्रिप्ट, डाटा वर्चुलाइजेशन, एडवांस एक्सल, पावर बीआई, HTML प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट फंडामेंटल, कोडिंग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करने में सक्षम होंगे !
  • केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने डिजिटल कौशल कार्यक्रम डिजी सक्षम को लॉन्च किया है
  •  यह कार्यक्रम युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाने और बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित करने पर केंद्रित है
  • डीजे सक्षम कार्यक्रम श्रम मंत्रालय और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया की संयुक्त पहल है
  • इस कार्यक्रम के तहत पहले वर्ष में 3 लाख से अधिक युवाओं को कंप्यूटिंग डिजिटल कौशल का मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा 
  • नौकरी चाहने वाले युवा राष्ट्रीय कैरियर सेवा (NCS) पोर्टल के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे
  •  यह पहल वंचित समुदायों के अर्थ शहरी बेरोजगारों और कुवैत के कारण नौकरी को चुके लोगों को प्राथमिकता  देती है  
  इस पहल में तीन प्रकार के प्रशिक्षण शामिल हैं
      1  डिजिटल स्केल सेल्फ लर्निंग
      2 VILT (Virtual instructor-led training) मोड ट्रेनिंग 
      3 ILT (Instructor-led training) मोड ट्रेनिंग 
  • आई एल टी प्रशिक्षण (जो व्यक्तिगत प्रशिक्षण हैं) देशभर में SC/ST के लिए मॉडल कैरियर केंद्रों और राष्ट्रीय  केरियर सेवा केंद्रों (NCSC) में आयोजित किया जाएगा
  • इस कार्यक्रम को आगा खान रूरल सपोर्ट प्रोग्राम इंडिया(AKRSP-1) द्वारा फील्ड में लागू किया जाएगा



Sunday, May 22, 2022

# Ration Card Rule: सरकार ने जारी किया राशन कार्ड का नया न‍ियम, तुरंत करें सरेंडर वरना होगी वसूली!

 

Ration Card Rule: सरकार ने जारी किया राशन कार्ड का नया न‍ियम, तुरंत करें सरेंडर वरना होगी वसूली


राशन कार्डधारियों से यूपी सरकार ने राशन कार्ड सरेंडर करने को कहा है. सरकार ने पहले राशन कार्ड सरेंडर करने की तिथि 19 मई निर्धारित की थी, जिसे अब 24 मई तक बढ़ा दिया गया है. साथ ही सरकार ने स्टंडर्ड भी जारी कर दिया है, जिसके आधार पर तय हो सके कौन पात्र है और कौन अपात्र.


उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अपात्र राशन कार्डधारियों (Ineligible Ration Card Holders) पर कार्रवाई की तैयारी हो गई है. इन कार्डधारियों को राशन कार्ड सरेंडर (Ration Card Surrender in UP) करने को कहा गया है. सरकार ने इसकी पात्रता भी जारी कर दी है. इसके तहत राशन कार्ड सरेंडर के लिए मानक तय कर दिए गए हैं. बताया जा रहा है अब तक 8 लाख अपात्र कार्ड को निरस्त किया जा चुका है.

राशन कार्ड की पात्रता के नियम

- उत्तर प्रदेश का निवासी होना अनिवार्य. 
- परिवार का संचालन करने वाली मुखिया एक महिला हो. 
- परिवार की मासिक आय 15,000 रुपये से कम हो. 
- अगर पुरुष मुखिया है तो जो असाध्य रोग से ग्रसित हो या जिसकी उम्र 60 वर्ष से अधिक हो और परिवार चला रहा हो और पारिवारिक मासिक आय 15,000 रुपये से अधिक न हो. 
- घर की महिला मुखिया की उम्र 18 वर्ष से अधिक हो
- वैसा परिवार जिसके पास सिंचित भूमि 2 हेक्टेयर से कम हो


इन लोगों को राशन कार्ड सरेंडर

- जिनके पास चार पहिया गाड़ी होगी, उनके राशन कार्ड सरेंडर करना होगा. 
- चार पहिया गाड़ी में कार से लेकर ट्रैक्टर तक शामिल किया गया है.
- राशन कार्ड धारकों के पास ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में 100 वर्ग मीटर में बना पक्का मकान नहीं हो.
- सरकारी कर्मचारी को कार्ड सरेंडर करना होगा. 
- आयकर के दायरे में आने वालों को भी कार्ड सरेंडर करना होगा.
- पक्का मकान, घरों में एसी और 5 किलोवॉट या इससे अधिक क्षमता के जेनरेटर सेट रखने वालों को कार्ड जमा करना होगा.
- ऐसे परिवार जिनके पास 80 वर्ग मीटर का कोई भी व्यवसायिक स्थान है, वे कार्ड के पात्र नहीं.
- शहरी क्षेत्र के परिवार का वार्षिक आय 3 लाख से अधिक होने पर कार्ड सरेंडर करना होगा.
- हथियार का लाइसेंस रखने वालों को सरेंडर करना होगा राशन कार्ड 






Sunday, May 15, 2022

मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना क्या है

• प्रत्येक घर को वर्ष भर पाईप द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है।

• शुद्ध पीने का पानी आपके घर तक नल से पहुँचाया जायेगा।

• यह योजना पूरी तरह से आपके द्वारा बनायी जायेगी, इसके मालिक आप होंगे और इसके रख-रखाव की जिम्मेवारी भी आपकी होगी।


हर घर नल का ही जल क्यों ?

• नल का जल आपके घर तक पहुँचने से घर के बाहर से पानी ढोकर नहीं लाना पड़ेगा और बाहर से पानी लाने के क्रम में जो पानी के गंदा होने का खतरा रहता है वह भी नहीं होगा। गंदे पानी से होने वाली बीमारियों से भी आप बच सकेंगे।

हर घर में कितने नल का कनेक्शन दिया जायेगा ?

• योजना के अन्तर्गत हर घर को अधिक्तम तीन कनेक्शन (रसोई घर, स्नान घर एवं शौचालय में) दिया जायेगा। परिवार की सुविधा के अनुसार रसोई घर का नल रसोई घर के बाहर या किसी अन्य सुविधाजनक स्थान पर भी लगाया जा सकता है।


योजना के अन्तर्गत तीनों नल वितरण पाईप सहित लगाया जायेगा तथा वितरण पाईप की अधिकतम लम्बाई 25 फीट के अंदर तक योजना में सन्निहित होगी। 25 फीट से ज्यादा पाईप की आवश्यकता होने पर इसके व्यय का वहन घर वालों द्वारा करना होगा।


• इन तीन स्थानों का चयन आपकी सुविधा के लिए किया गया है। रोज के काम के लिए पानी की जरूरत खाना बनाने और पीने, नहाने और शौचालय में इस्तेमाल के लिए होती है। यह भी ध्यान देने की बात है कि आपके घर में शौचालय बनाने के लिए भी सरकार एक अलग योजना (लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान) से राशि उपलब्ध करा रही है। शौचालय को साफ रखने में भी आप नल के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं जो आपको घर में ही मिल जायेगा।


क्या पानी की प्राप्ति के लिए कोई शुल्क भी देना होगा ?

• घर में नल से पानी लेने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा, परन्तु इस नल जल योजना के रख-रखाव एवं मरम्मती के लिए वार्ड में गठित वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति आम सहमति से कुछ न्यूनतम उपभोक्ता शुल्क मासिक तौर पर जमा करायेगी।




Tuesday, May 10, 2022

"मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना"

  

UP Mukhyamantri Abhyudaya Yojana 2022: मुफ्त कोचिंग में प्रवेश के लिये 15 मई तक करें आवेदन, प्रवेश परीक्षाएं इन तिथियों पर होंगी

उत्तर प्रदेश में कई ऐसे छात्र हैं जो अपने कमजोर आर्थिक स्थिति कारण कोचिंग प्राप्त नहीं कर पाते हैं उन सभी सभी छात्रों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार योगी आदित्य नाथ ने "मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना" प्रारंभ की हैं जैसे कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना क्या है इसके लाभ, विशेषता, पात्रता आवेदन करने की प्रक्रिया आदि महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा करेंगे तो दोस्तों आप इस आर्टिकल के साथ बने रहे हम इस आर्टिकल में "Mukhyamantri Abhyudaya Yojana" की संपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा करेंगे.

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना

उत्तर प्रदेश राज्य के स्थापना दिवस पर प्रदेश सरकार द्वारा IS/PCL/NDS/CDS/NEET औरJ EE जैसी प्रतियोगिताओं की परीक्षा की तैयारी करने के लिए "मुख्यमंत्री अभुदय योजना" प्रारंभ की है इस योजना के अंतर्गत ऐसे सभी छात्रों को मुफ्त कोचिंग प्रदान की जाएगी जो इन परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं लेकिन अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण इन महंगी कोचिंगों को नहीं कर पाते हैं इस योजना के अंतर्गत मंडल स्तर पर छात्रों को सिलेबस क्वेश्चन बैंक भी उपलब्ध कराया जाएगा। "Mukhyamantri Abhyudaya Yojana" काकार्यन्वयन यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत बसंत पंचमी के दिनयानी 16 फ़रवरी 2022 से प्रारंभ हुई इस योजना के अंतर्गत छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई मटेरियल के साथ ऑफलाइन क्लासो भी प्रदान की जाएगी

जैसे दोस्तों आप सभी ने ऊपर पढ़ा हैं की उत्तर प्रदेश के  स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का प्रारंभ किया गया है इस योजना के अंतर्गत आईएएस,आईपीएस, पीसीएस,NDA, नीट जैसी अनेक प्रकार की कोचिंग छात्रों को कोचिंग प्रदान की जाएगी वह भी निशुल्क, कोचिंग का छात्रों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, इस योजना के अंतर्गत वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा छात्रों को मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा मुख्यमंत्री जी द्वारा यह घोषणा की गई थी कि इस योजना के अंतर्गत कोचिंग क्लास बसंत पंचमी के दिन से शुरू होगी बरेली के आJIC में यह कोचिंग प्रदान की जाएगी

शिक्षा लेवल तथा टाइम व स्थान

कॉसिंग में कमिशनर द्वारा फिजिकल तथा DM द्वारा इतिहास पढ़ाया जाएगा इसी के साथ कई अन्य प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भी पढ़ाया जाएगा। छात्रों को माध्यमिक स्कूल और प्राइवेट कोचिंग के उत्कृष्ट शिक्षा विषय विशेषज्ञो द्वारा भी प्रदान करेंगे बरेली के JIC में सामान्य स्कूल समय के बाद कोचिंग की कक्षाएं प्रदान की जाएगी।

कोचिंग के लिए स्मार्ट कक्षाओं का भी प्रावधान किया गया है सभी छात्रों को प्र्शन उतर बैंक देने तथा ऑनलाइन स्टडी सामग्री आदि भी प्रदान किया जाएगा बरेली में शिक्षकों को तैयार करने की जिम्मेदारी जेडी डॉक्टर प्रताप कुमार को दी गई है उनके द्वारा शिक्षकों का पैनल तैयार किया जाएगा तथा इससे पैनल में शहर के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को शामिल किया जाएगा

जिनके द्वारा बच्चों को उच्च कोटि के चित्र प्रदान की जाएगी जिससे वह प्रतियोगी परीक्षाओं में अपना वर्चस्व तथा अच्छे बच्चों के साथ जीवन में सफल हो सके.

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना  के अंतर्गत छात्रों का मार्गदर्शन

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना 2021 के अंदर छात्रों को केवल शिक्षा ही नहीं बल्कि IS/IPS और PCS की तैयारी करने वाले छात्रों को मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा की इस प्रकार के परीक्षा औ में सफलता कैसे प्राप्त की जा सके तथा ऑनलाइन कक्षाओं में विभिन्न अवसरों का मार्गदर्शन करेंगे IAS PCS परीक्षाओं के छात्रों के लिए प्रशिक्षित IAS IPS PCS अधिकारी NDA तथा CDS के छात्रों के लिए भारतीय सैनिक स्कूल के प्राचार्य भी मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत विषय के विशेषज्ञों को मेहमान के तौर पर भी बुलाया जाएगा जिससे उनका भी उद्बोधन छात्रों को मिल सके। परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को सिलेबस तथा परीक्षा पैटर्न की जानकारी भी निशुल्क प्रदान की जाएगी, अभ्युदय योजना के अंतर्गत उच्च स्तरीय की कोचिंग संस्थाओं के स्टडी मैटेरियल छात्रों को प्रदान किए जाएंगे

प्रबंधन अकैडमी को सौंपी गई जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत स्टडी मैटेरियल प्रदान करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकैडमी को सौंपी गई है मंडल स्तर पर प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन व समन्वय की भी निगरानी प्रबंधन अकैडमी के द्वारा जाएगी। यदि छात्रों ने प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है तो मुख्य परीक्षा की तैयारी करवाने की जिम्मेदारी भी प्रबंधक एकेडमी की है योजना के तहत क्वेश्चन बैंक प्रश्नोत्तरी आदि भी वेबसाइट पर उपलब्ध करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के माध्यम से आप घर बैठे ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी तथा ऑनलाइन कोचिंग प्राप्त कर पाएंगे, इसके लिए आपको कोई शुल्क आदि देने की कोई आवश्यकता नहीं है योजना के पहले चरण में 18 मंडल मुख्यालय को शामिल किया जाएगा तथा इन अट्ठारह मंडल मुख्यालयों में अभी कोचिंग सेंटर प्रारंभ किए जाएंगे यह कोचिंग सेंटर राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में संचालित किए जाएंगे

आर्टेमिस मून मिशन क्या है

'नासा ' के आर्टेमिस मून मिशन के पहले चरण का सफल प्रक्षेपण                                        आर्टेमिस 1 की उड़ान तैयार          ...