Monday, October 10, 2022

मुलायम सिंह यादव जी का निधन

                मुलायम सिंह यादव जी का परिचय 

मुलायम सिंह यादव (22 नवंबर 1939 - 10 अक्टूबर 2022) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और समाजवादी पार्टी के संस्थापक-संरक्षक थे । उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार तीन कार्यकालों तक सेवा की , और भारत सरकार के रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया । लंबे समय तक सांसद रहे, वह लोकसभा में मैनपुरी के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य थे , और पहले भी आजमगढ़ और संभल निर्वाचन क्षेत्रों से संसद सदस्य के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्हें अक्सर नेताजी (अर्थ) के रूप में जाना जाता थासम्मानित नेता हिंदी में ) पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा।

 

 प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में मूर्ति देवी और सुघर सिंह यादव के घर हुआ था। 

यादव के पास राजनीति विज्ञान में तीन डिग्री थी - इटावा के कर्मक्षेत्र पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से बीए, शिकोहाबाद के एके कॉलेज से बीटी और आगरा विश्वविद्यालय के बीआर कॉलेज से एमए 

   

   व्यक्तिगत जीवन

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गाँव में मूर्ति देवी व सुघर सिंह यादव के किसान परिवार में हुआ। मुलायम सिंह यादव अपने पाँच भाई-बहनों में रतनसिंह यादव से छोटे व अभयराम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, राजपाल सिंह और कमला देवी से बड़े हैं। प्रोफेसर रामगोपाल यादव इनके चचेरे भाई हैं।पिता सुघर सिंह उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे किन्तु पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु चौधरी नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात उन्होंने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।[

राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम०ए०) और बी० टी० करने के उपरान्त इन्टर कालेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए और सक्रिय राजनीति में रहते हुए नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। मुलायम सिंह जी का काफ़ी लंबी बीमारी के कारण 10 अक्टूबर 2022 को निधन हो गया।

  

     राजनीतिक परिचय

मुलायम सिंह उत्तर भारत के बड़े समाजवादी और किसान नेता हैं। एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेने वाले मुलायम सिंह ने अपना राजनीतिक जीवन उत्तर प्रदेश में विधायक के रूप में शुरू किया। बहुत कम समय में ही मुलायम सिंह का प्रभाव पूरे उत्तर प्रदेश में नज़र आने लगा। मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग समाज का सामाजिक स्तर को ऊपर करने में महत्वपूर्ण कार्य किया। सामाजिक चेतना के कारण उत्तर प्रदेश की राजनीति में अन्य पिछड़ा वर्ग का महत्वपूर्ण स्थान हैं। समाजवादी नेता रामसेवक यादव के प्रमुख अनुयायी (शिष्य) थे तथा इन्हीं के आशीर्वाद से मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गये और मन्त्री बने। 1992में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। वे तीन बार क्रमशः 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री रहे। इसके अतिरिक्त वे केन्द्र सरकार में रक्षा मन्त्री भी रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश में यादव समाज के सबसे बड़े नेता के रूप में मुलायम सिंह की पहचान है। उत्तर प्रदेश में सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने में मुलायम सिंह ने साहसिक योगदान किया। मुलायम सिंह की पहचान एक धर्मनिरपेक्ष नेता की है। उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी माना जाता है। उत्तर प्रदेश की सियासी दुनिया में मुलायम सिंह यादव को प्यार से नेता जी कहा जाता है।

2012 में समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला। यह पहली बार हुआ था कि उत्तर प्रदेश में सपा अपने बूते सरकार बनाने की स्थिति में थी। नेता जी के पुत्र और सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा जोर शोर से उठाया और प्रदेश के सामने विकास का एजेंडा रखा। अखिलेश यादव के विकास के वादों से प्रभावित होकर पूरे प्रदेश में उनको व्यापक जनसमर्थन मिला। चुनाव के बाद नेतृत्व का सवाल उठा तो नेताजी ने वरिष्ठ साथियों के विमर्श के बाद अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। अखिलेश यादव मुलायम सिंह के पुत्र है। अखिलेश यादव ने नेता जी के बताए गये रास्ते पर चलते हुए उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया.

'समाजवादी पार्टी' के नेता मुलायम सिंह यादव पिछले तीन दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। अपने राजनीतिक गुरु नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात मुलायम सिंह ने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से ही अपना राजनीतिक सफर आरम्भ किया था। मुलायम सिंह यादव जसवंत नगर और फिर इटावा की सहकारी बैंक के निदेशक चुने गए थे। विधायक का चुनाव भी 'सोशलिस्ट पार्टी' और फिर 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' से लड़ा था। इसमें उन्होंने विजय भी प्राप्त की। उन्होंने स्कूल के अध्यापन कार्य से इस्तीफा दे दिया था। पहली बार मंत्री बनने के लिए मुलायम सिंह यादव को 1977 तक इंतज़ार करना पड़ा, जब कांग्रेस विरोधी लहर में उत्तर प्रदेश में भी जनता सरकार बनी थी। 1980 में भी कांग्रेस की सरकार में वे राज्य मंत्री रहे और फिर चौधरी चरण सिंह के लोकदल के अध्यक्ष बने और विधान सभा चुनाव हार गए। चौधरी साहब ने विधान परिषद में मनोनीत करवाया, जहाँ वे प्रतिपक्ष के नेता भी रहे।

1996 में मुलायम सिंह यादव ग्यारहवीं लोकसभा के लिए मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से चुने गए थे और उस समय जो संयुक्त मोर्चा सरकार बनी थी, उसमें मुलायम सिंह भी शामिल थे और देश के रक्षामंत्री बने थे। यह सरकार बहुत लंबे समय तक चली नहीं। मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने की भी बात चली थी। प्रधानमंत्री पद की दौड़ में वे सबसे आगे खड़े थे, किंतु उनके सजातियों ने उनका साथ नहीं दिया। लालू प्रसाद यादव और शरद यादव ने उनके इस इरादे पर पानी फेर दिया। इसके बाद चुनाव हुए तो मुलायम सिंह संभल से लोकसभा में वापस लौटे। असल में वे कन्नौज भी जीते थे, किंतु वहाँ से उन्होंने अपने बेटे अखिलेश यादव को सांसद बनाया।


     सदस्यता

विधान सभा 1967, 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 (आठ बार)

विपक्ष के नेता, उत्तर प्रदेश विधान परिषद 1982-1985

विपक्ष के नेता, उत्तर प्रदेश विधान सभा 1985-1987

केंद्रीय कैबिनेट मंत्री

सहकारिता और पशुपालन मंत्री 1977

रक्षा मंत्री 1996-1998



Saturday, October 8, 2022

Digi Sakhasm Yojana : डिजी सक्षम योजना

इस पहल के माध्यम से राष्ट्रीय कैरियर सेवा पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले लगभग 1 करोड़ से अधिक नौकरी चाहने वाले युवा जवा स्क्रिप्ट, डाटा वर्चुलाइजेशन, एडवांस एक्सल, पावर बीआई, HTML प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट फंडामेंटल, कोडिंग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करने में सक्षम होंगे !
  • केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने डिजिटल कौशल कार्यक्रम डिजी सक्षम को लॉन्च किया है
  •  यह कार्यक्रम युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाने और बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित करने पर केंद्रित है
  • डीजे सक्षम कार्यक्रम श्रम मंत्रालय और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया की संयुक्त पहल है
  • इस कार्यक्रम के तहत पहले वर्ष में 3 लाख से अधिक युवाओं को कंप्यूटिंग डिजिटल कौशल का मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा 
  • नौकरी चाहने वाले युवा राष्ट्रीय कैरियर सेवा (NCS) पोर्टल के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे
  •  यह पहल वंचित समुदायों के अर्थ शहरी बेरोजगारों और कुवैत के कारण नौकरी को चुके लोगों को प्राथमिकता  देती है  
  इस पहल में तीन प्रकार के प्रशिक्षण शामिल हैं
      1  डिजिटल स्केल सेल्फ लर्निंग
      2 VILT (Virtual instructor-led training) मोड ट्रेनिंग 
      3 ILT (Instructor-led training) मोड ट्रेनिंग 
  • आई एल टी प्रशिक्षण (जो व्यक्तिगत प्रशिक्षण हैं) देशभर में SC/ST के लिए मॉडल कैरियर केंद्रों और राष्ट्रीय  केरियर सेवा केंद्रों (NCSC) में आयोजित किया जाएगा
  • इस कार्यक्रम को आगा खान रूरल सपोर्ट प्रोग्राम इंडिया(AKRSP-1) द्वारा फील्ड में लागू किया जाएगा



आर्टेमिस मून मिशन क्या है

'नासा ' के आर्टेमिस मून मिशन के पहले चरण का सफल प्रक्षेपण                                        आर्टेमिस 1 की उड़ान तैयार          ...